Re: सफलता के सूत्र :: देवराज के साथ
बहुत से लोग इस तरह के सपने देखते हैं। कुछ आत्मविश्वास की कोरी प्रवंचना लेकर इन्हें साकार करने के लिए भी प्रयत्न करते हैं किन्तु इस उपक्रम में वस्तु-स्थिति की उपेक्षा करने के कारण अन्ततः हाथ मलते रह जाते हैं। अस्तु अपने आपके प्रति, अपनी शक्तियों के प्रति विश्वास रखने के साथ-साथ यह भी देखना चाहिए कि जिन कारणों से प्रगति पथ अवरुद्ध बना हुआ है, दूसरों का सहयोग नहीं मिल रहा है, अवरोध सामने आ रहे हैं वे क्या हैं तथा उन कारणों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है? स्वाभाविक ही वे कारण अपनी दुर्बलताओं के अतिरिक्त और कुछ नहीं हो सकते। अतः उन दुर्बलताओं को दूर करते हुए आत्मविश्वास पूर्वक प्रगति प्रयास करना चाहिए। सफलता की, आगे बढ़ने की यही मूलभूत शर्त है।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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