रंज से खूगर हुआ इन्सां,तो मिट जाता रंज
मुश्किलें मुझ पर पड़ी इतनी की आसां हो गयीं
अर्थ - इनसान को अगर दुःख दर्द सहन करने की आदत पड़ जाए तो फिर कोई भी गम उसे दुखी नहीं कर सकता
क्यूंकि वो दुःख उठाने का आदि हो चुका होता है
इसी तरह मुझ पर इतनी मुश्किलें पड़ीं हैं की मै इसका आदि हो गया हूँ
और मेरी सब मुश्किलें अपने आप आसान हो गयीं हैं