Re: टूट गए सितार के तार
कुछ रोचक तथ्य
* पं. रविशंकर ने महज 10 साल की उम्र में देश में पहला कार्यक्रम साल 1939 में दिया था। देश के बाहर उन्होंने पहला कार्यक्रम साल 1954 में तत्कालीन सोवियत संघ में दिया।
* वह साल 1949-1956 तक आल इंडिया रेडियो के संगीत निदेशक रहे।
* पं. रविशंकर ने उस्ताद अलाउद्दीन खान से सितार सीखा, जिन्हें वह प्यार से ‘बाबा’ कहा करते थे।
* पं. रविशंकर ने कवि-गीतकार अल्लामा मोहम्मद इकबाल के लिखे गीत ‘सारे जहां से अच्छा...’ की धुन बनाई थी।
* पं. रविशंकर ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को ‘नट भैरव’, ‘अहीर ललित’, ‘यमन मांझ’ और ‘पूर्वी कल्याण’ सहित तकरीबन 30 नए रागों की सौगात दी।
* 1950-60 के दशक के मध्य वर्षों में पं. रविशंकर भारतीय संगीत के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय दूत बने।
* उन्होंने पहला राग वर्ष 1945 में तैयार किया और अपने सफल रिकॉर्डिंग कॅरियर की शुरुआत की।
* उन्होंने कर्नाटक संगीत का उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत में मिश्रण किया। खास तौर पर उसकी ताल की गणितीय संरचना को शास्त्रीय संगीत में शामिल किया। उन्होंने प्रस्तुतियों में संगत करने वाले तबला वादकों को भी प्रमुख कलाकार के तौर पर तरजीह दिलाई।
* उन्होंने तीन किताबें भी लिखीं, जिनमें से दो अंगे्रजी ‘माई म्यूजिक’ और ‘माई लाइफ एंड राग माला’ थी। इसके अलावा एक किताब ‘राग अनुराग’ बांग्ला भाषा में लिखी।
* संगीत की नई खेप तैयार करने के लिए उन्होंने नई दिल्ली में ‘रविशंकर म्यूजिक सेंटर’ की स्थापना की थी।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
|