Re: मुझे प्रिसेंज ऑफ कत्थक कहा जाता था- नीलिमा
नीलिमा अजीम का ताल्लुक बिहार के एक आला खानदान से है. उनके ग्रेट ग्रैंड फादर ख्वाजा अहमद अब्बास उर्दू के जाने-माने लेखक और फिल्मकार थे. नीलिमा के पिता अनवर अजीम बहुत बड़े फोटोग्राफर थे. शॉर्ट स्टोरी राइटिंग में उनका नाम था. नीलिमा बताती हैं, ''मेरे पिता बेहतरीन फनकार थे. मेरा बैकग्राउंड रिच था. बाइसकिल थीफ जैसी फिल्म मैंने बचपन में देख ली थी. कला की ओर मेरा रूझान स्वाभाविक था. मैंने चौदह साल की उम्र में कत्थक की दुनिया में बहुत नाम कमा लिया था. नीलिमा आगे कहती हैं, ''चौदह साल की उम्र में मैं स्टैंप पर आ चुकी थी. गर्वमेंट ने हेरिटेज स्टैंप निकाले थे, जिसमें हर क्लासिकल डांस दिवा की तस्वीर थी. मैंने कत्थक को रिप्रजेंट किया था. बीस साल की उम्र में मुझे इंदिरा गांधी अवॉर्ड मिला था. इसी साल अमजद अली साब को भी यह अवॉर्ड मिला था. मैं अपने जेनरेशन में ही नहीं नाची हूं. गंगूबाई हंगल गाती थीं और मैं नाचती थी, अली अकबर खां साब बजाते थे और मैं नाचती थी, मैंने यामिनी कृष्णामूर्ति के साथ स्टेज पर नाचा है. मुझे उस वक्त अखबारों में प्रिसेंज ऑफ कत्थक जैसे शीर्षक दिए जाते थे.
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