Re: मुझे प्रिसेंज ऑफ कत्थक कहा जाता था- नीलिमा
नीलिमा पंडित बिरजू महाराज की शिष्या रही हैं. नीलिमा ने बेहद कम समय में कत्थक की दुनिया में लोकप्रियता अर्जित कर ली थी. उनके नृत्य से अब्राहिम अल्काजी इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उनके लिए खास तौर से तुगलक नाटक तैयार किया. नीलिमा अतीत के पन्नों को पलटती हैं, ''कत्थक केंद्र में पंडित बिरजू महाराज थे और एनएसडी में अब्राहिम अल्काजी साब. उन दिनों दिल्ली का आर्ट वल्र्ड शीर्ष पर था. मेरा नृत्य देखने के बाद काजी साब ने तुगलक के बारे में सोचा. उस जमाने में कत्थक केंद्र और एनएसडी के स्टूडेंट का साथ बैठना होता था. उन्हीं दिनों ही मेरी मुलाकात पंकज कपूर से हुई. सत्तर के दशक के उत्तरार्ध में नीलिमा दिल्ली के थिएटर वल्र्ड में बहुत सक्रिय रहीं. उन्होंने नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर और राज बब्बर के साथ कई चर्चित नाटकों में बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया. नीलिमा उन दिनों को याद करती हैं, ''मेरी और राज की जोड़ी हिट थी. हमारा एक नाटक नादिर शाह बहुत चर्चित हुआ था. नसीर के साथ मैंने माटी मटाल नाटक में अभिनय किया था. उसके लिए मुझे बेहतरीन एक्ट्रेस का ज्ञानपीठ अवॉर्ड मिला था. मैं नसीर को सिखाती भी थी. पंकज साब के साथ मैंने ब्रह्मा और सलीम-अनारकली नाटकों में काम किया. पंकज सलीम बनते थे और मैं अनारकली. नाटकों के रिहर्सल और मंचन के दौरान पंकज कपूर और नीलिमा अजीम एक-दूसरे के करीब आए. नीलिमा कहती हैं, ''एक प्ले के दौरान हमारी मुलाकात हुई और फिर हम धीरे-धीरे करीब आ गए.
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