Re: मुझे प्रिसेंज ऑफ कत्थक कहा जाता था- नीलिमा
१९९१ में नीलिमा अपने बेटे शाहिद को लेकर दिल्ली से मुंबई आ गईं. तब तक उनका पहला सीरियल फिर वही तलाश बहुत पॉपुलर हो चुका था. फिल्म इंडस्ट्री ने उनका स्वागत दोनों बांहें फैलाकर किया. बकौल नीलिमा, ''जब मैं मुंबई आई तो अस्सी प्रतिशत फिल्म इंडस्ट्री मेरी दीवानी थी. लोग मुझे अपनी फिल्मों में कास्ट करना चाहते थे, लेकिन मैंने सीरियल में काम करने का फैसला किया, क्योंकि मुझे अपने बच्चे को पालना था. टीवी में रेगयुलर पैसा आता है. मैंने टीवी की अपनी कमाई से शाहिद को पढ़ाया-लिखाया. गौैरतलब है कि नीलिमा ने तलाश, जुनून, कश्मीर, सांस जैसे कई धारावाहिकों में काम किया. उन्होंने सलीम लंगड़े पे मत रो और सडक़ फिल्मों में भी काम किया.
मुंबई आने के पश्चात नीलिमा अजीम अपनी घरेलू जिंदगी को संभालने-संवारने में जुटी थीं, लेकिन उन्हें एक साथी की कमी खल रही थी. तभी टीवी अभिनेता राजेश खट्टर उनकी जिंदगी में आए. नीलिमा को एक बार फिर प्यार हुआ और उन्होंने राजेश से शादी कर ली. छोटे बेटे ईशान नीलिमा-राजेश के प्यार की पहचान हैं. लेकिन दुख की बात यह है कि नीलिमा की यह शादी भी अधिक समय तक नहीं टिकी. नीलिमा कहती हैं, ''मैंने हमेशा रिश्तों को प्राथमिकता दी. मैंने रिश्तों में बहुत इंवेस्ट किया, लेकिन मुझे कभी इस मामले में सपोर्ट नहीं मिला. ईमानदारी से बता रही हूं कि कभी किसी ने बच्चों की परवरिश और पढ़ाई के लिए पैसे नहीं भेजे. मैंने दोनों बच्चों की परवरिश अकेले अपने बलबूते पर की है.
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