Re: ऑपरेशन ब्लू स्टार
दमदमी टकसाल का प्रमुख था भिंडरावाले
गुरदासपुर जिले में मेहता के नजदीक सिख समाज के प्रमुख धार्मिक अध्ययन केंद्र दमदमी टकसाल के प्रमुख रहे जरनैल सिंह भिंडरावाले का जन्म 2 जून, 1947 को हुआ था। भिंडरावाले ने आनंदपुर साहिब प्रस्ताव का समर्थन किया था। भिंडरावाले ने सिख धर्म को उसके सबसे 'पवित्र' और 'शुद्ध' रूप में अपनाए जाने की वकालत की। भिंडरावाले ने शराब, ड्रग्स और धार्मिक आचार-व्यवहार में ढील (जैसे सिख युवकों द्वारा बाल कटवाने और दाढ़ी बनवाने) की खिलाफत की थी। वह चाय या कॉफी भी नहीं पीता था। भिंडरावाले को बनाफशा (हर्बल पेय) पसंद था क्योंकि वह ऐसी किसी भी चीज से नफरत करता था जिसका हमारे सेंसरी सिस्टम (स्नायु तंत्र) पर थोड़ा बहुत भी असर हो। भिंडरावाले ने अलग खालिस्तान की मांग की थी और उसने इंदिरा गांधी का जबर्दस्त विरोध किया था।
भिंडरावाले को खुद पर फोकस रखना पसंद था
मशहूर फोटोग्राफर रघु राय भी अमृतसर में भिंडरावाले से मिलने गए थे। रघु राय के पास कई कैमरे, लेंस वगैरह रहते थे। वह अपने साज-ओ-सामान से लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन जाते थे। एक बार भिंडरवाले अपनी सराय की छत पर समर्थकों के साथ बैठा था। रघु राय अपने कैमरों के साथ एक मुंडेर पर बैठे थे और तस्वीरें खींच रहे थे। भिंडरवाले के समर्थकों के लिए रघु राय आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। लेकिन यह भिंडरवाले को पसंद नहीं आया। उसने रघु राय के साथ गए पत्रकार से कहा, 'आप अपने फोटोवाले से कह दो कि वह मुंडेर से उतर आए।' राय ने पहली बार यह बात सुनी और अनसुना कर दिया। इस पर भिंडरवाले को गुस्सा आ गया। उसने कहा, 'उससे कह दो कि वह मुंडेर से उतर जाए नहीं तो वह ढुलक कर मर जाएगा और तब दुनिया यही कहेगी कि संत ने मार दिया।' इस बार रघु राय नीचे उतर आए।
तीखे सवाल करता था भिंडरावाले
भिंडरावाले के सामने आम तौर पर कोई भी सवाल नहीं पूछता था। सभी लोग उसके आदेशों का पालन करते थे। आम लोग ही नहीं पत्रकार भी उससे सवाल करने से डरते थे। वह गैर सिख पुरुष पत्रकारों को उनके दाढी और बाल को लेकर एक तरह से अपमानित करता था। एक हिंदू पत्रकार से मुखातिब भिंडरावाले ने पूछा था, 'क्या तुम हिंदू के रूप में पैदा नहीं हुए थे?' जवाब में पत्रकार ने कहा, 'हां, संत जी, लेकिन सभी हिंदुओं की तरह हम भी गुरुद्वारे में पूजा करते हैं।' इस पर भिंडरवाले ने कहा, 'हां, तुम पूजा करते हो। अच्छा बताओ कि अपने मंदिरों में तुम किन देवताओं की पूजा करते हो।' जवाब मिलने से पहले ही भिंडरवाले खुद ही बोल पड़ा, 'भगवान राम, कृष्ण, शिव, ब्रह्मा, विष्णु। क्या तुमने कभी इन्हें सिर पर पूरे बाल और दाढ़ी के बिना देखा है? अब तुम्हारे भगवान तुम्हारे पिता जैसे नहीं हैं? इसलिए तुम्हारे पिता ने कभी दाढ़ी नहीं बनवाई और न कभी बाल कटवाए। लेकिन तुमने ऐसा कर रखा है। ऐसे बच्चे को क्या कहा जाता है जो अपने पिता की तरह न दिखते हों? इसलिए मैं कहता हूं कि केशों की हत्या बंद करो। अपने पूर्वजों की तरह दिखना शुरू करो ताकि हम सभी तुम्हें सभ्य और जायज बेटा कह सकें।'
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed.
|