फिल्म में सब कुछ एक के बाद एक परतों में रखा गया है। फिल्म को रीयालिस्टीक बनाया गया है। आप एक के बाद एक सक्षम चरित्र आपके समक्ष आते रहते है। फिर जब तक हम हेमामालिनी और जितेन्द्र का रिश्ता समज पाए कई तकलीफ, उलझनें भी उजागर होती है। साथ में असरानी और मास्टर राजु को देख जबरन मुस्कुराना भी पडता है।