Re: मिथक कथा: गिलगमेश
उस वेश्या ने यही किया भी। उसने उसके साथ रात बिताई और यह देखकर सभी जानवर एनकीडू से डरने लगे। उसने एनकीडू को गिलगमेश की शूरवीरता के बारे में भी बताया जिसे सुन कर एनकीडू गुस्से से भडक उठा, क्योंकि वो समझता था कि वही इस दुनिया का सबसे ताकतवर प्राणी है।
आने वाले दिनों में जैसे-जैसे एनकीडू गिलगमेश के बारे में सोचता जाता है उसका गुस्सा और बढ़ता रहता है। पर वह तब तक चुप रहता है जब तक कि उसे यह खबर नहीं मिलती कि गिलगमेंश शादी करने जा रहा है। इस खबर से एनकीडू सचमुच भडक जाता हैं और वह जंगल छोड कर उरुक के लिये निकल पडता है।
वहां पहुँच कर वह जबरदस्ती महल में दाखिल हो जाता है और दुल्हन के कमरे को छेककर खडा हो जाता है और उस बलशाली राजा को युद्ध के लिये ललकारता है।
गिलगमेश यह सब देख कर बहुत ही क्रोधित होता है और दोनों के बीच इतना घमासान दंगल होता है जो कि पूरे शहर में हाहाकार मच जाता है। वे लडते-लडते दीवारों को गिरा देते हैं, भवनों को तबाह कर देते हैं ---- ठीक वैसे ही जैसे फिल्मों के दो सुपर हीरो लडते वक्त करते हैं।
पर इसके बाद वो होता है जिसका -- खासकर आज की दुनिया में हम अनुमान भी नहीं लगा सकते। क्योंकि गिलगमेंश आखिरकार एनकीडू को हरा देता है, उसे जमीन पर चित्त कर देता है, पर उसे बंदी बनाने या अपमान करने या मारने की बजाय वह एक सच्चे योद्धा की तरह उसे उठने के लिये कहता है और फिर दोनों गले मिलते हैं, एक दूसरे को चूमते हैं (उस काल में पुरुष आपस में चुंबन लेकर एक दूसरे से मिलते थे) और हाथ में हाथ रख कर दोनों चल देते हैं।
और दोनों गहरे साथी और प्रेमी बन जाते हैं जो जो इस के बाद हमेशा साथ रहते हैं। एक पल के लिये भी एक दूसरे से जुदा नहीं होते। देवता इस प्रेमी युगल को अपनी मंजूरी देते हैं और शहर वासी और गिलगमेंश के परिवार वाले भी। क्योंकि उस जमाने में दो पुरुषों के बीच प्रेम को शादी की तरह स्वीकारा जाता था और यह काफी आम होता था।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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