Re: कुछ पल जगजीत सिंह के नाम :देवराज के साथ
इन्तिहा आज इश्क की कर दी,
आप के नाम ज़िन्दगी कर दी,
था अँधेरा गरीब खाने में,
आप ने आ के रोशनी कर दी,
देने वाले ने उन को हुस्न दिया,
और अता मुझ को आशिकी कर दी,
तुम ने जुल्फों को रुख पे बिखरा कर,
शाम रंगीन और भी कर दी
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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