Re: उमर खैय्याम की रुबाइयां
A Book of Verses underneath the Bough,
A Jug of Wine, a Loaf of Bread--and Thou
Beside me singing in the Wilderness—
Oh, Wilderness were Paradise enow!
सरस कविता की पुस्तक हाथ,
और सब के ऊपर तुम प्राण,
गा रही छेड़ सुरीली तान,
मुझे अब मधु नंदन उद्यान.
घनी सिर पर तरुवर की डाल,
हरी पांवों के नीचे घास,
बगल में मधु मदिरा का पात्र,
सामने रोटी के दो ग्रास.
(रूपांतर / डा. हरिवंश राय बच्चन)
Last edited by rajnish manga; 16-03-2013 at 10:46 PM.
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