05-01-2015, 12:52 AM
|
#12
|
Member
Join Date: Jul 2013
Location: Banswara, Rajasthan
Posts: 172
Rep Power: 17
|
Re: आओ प्रण करें !
Quote:
Originally Posted by rajnish manga
विचारणीय विषय पर पुष्पा सोनी जी के विचार बहुत सुलझे हुये और यथार्थ से उपजे हैं. जब तक अधिकांश लोग अपनी स्वार्थबद्धता से मुक्त नहीं होते तब तक किसी से सच्ची सेवा की उम्मीद नहीं की जा सकती. लेकिन अच्छे गुणों का अपनाया जाना एक सामूहिक क्रिया न हो कर एक व्यक्तिगत कोशिश का ही एक भाग है जो धीरे धीरे प्रतिफलित होता है. चंदन का वृक्ष जहाँ होता है, उसकी सुगंध चारों ओर के वातावरण में खुद ब खुद व्याप्त हो जाती है और उस दायरे में सब को प्रभावित करती है..
|
धन्यवाद रजनीशजी !
बहुत ही अनमोल बात कह दी आपने !
और कहा भी है कि पहला सुधारा स्वयं से !!!...और बुन्द-बुन्द से घड़ा भरता है !!
हमारी सही कोशीश से प्राप्त सफलता को हम स्वयं हीं नहीं देखते अपितु दूसरों के लिए भी प्रेरणादायक, उनमें आत्मविश्वास बढाने वाला सबीत होता है !
|
|
|