Re: आओ प्रण करें !
समाज - देश हमसे ही मिलकर बना है। तो देश या समाज को सुधारने के लिए या बदलाव लाने के लिए सबसे पहले हमारे अंदर बदलाव लाना ज़रूरी है। तो यहाँ मैं सिर्फ वो बातें लिख रही हूँ जो एक व्यक्ति के तौर पर हमें अपनानी चाहिए-
१- हमें दूसरों को बेइज़्ज़त कभी भी नहीं करना चाहिए। आलोचना अच्छी चीज़ है पर आलोचना में और बेइज़्ज़ती में एक बहुत बारीक लकीर होती है और अक्सर लोग उस लकीर को अनदेखा कर देते हैं . जब हम सम्मान पाने की अभिलाषा रखते हैं तो हमें दूसरों को सम्मान देना भी सीखना चाहिए .
२- नकारात्मकता से हमेशा दूर रहे। हमेशा सकारात्मक रहे। अब सकारात्मक रहने का मतलब ये नहीं कि आप सोचें कि आपके साथ कभी बुरा नहीं हो सकता या आप तो सिर्फ तरक्की ही करेंगे जीवन में बल्कि सकारात्मक होने का मतलब है कि - अगर मेरे साथ कुछ गलत हुआ भी तो मैं इतना सक्षम हूँ कि हर कठिनाई का सामना कर सकता हूँ। हताश न हों।
३- दूसरों को Underestimate करना बंद करें। हम नहीं जानते कि कौन कितना सक्षम है ?
४- एक बहुत ही बुरी आदत होती है लोगों में - दूसरों के बारे में अपनी राय बनाने और फिर Judgement देने की। हमें नहीं पता कि कौन व्यक्ति अपने जीवन में किन रास्तों से गुज़र कर यहाँ तक आया है। बिना किसी के बारे में कुछ भी जाने हम उनकी activities से उनके बारे में Opinion बना लेते हैं , जो अक्सर गलत ही होती हैं . इसलिए हम सभी को ये आदत बदलनी चाहिए।
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