View Single Post
Old 05-10-2017, 07:26 PM   #2
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: दलितों की मूँछ और हमारा समाज

दलितों की मूँछ और हमारा समाज

गांधीनगर गाँव के अज्ञात युवाओं के मन में क्या उबल होगा जिसके कारण एक 17 साल के दलित युवक को इसलिए चाक़ू मार देते हैं कि उसने मूँछे रखी हैं। इस गाँव में पहले भी दो युवाओं पर उच्च जाति के लोगों ने इसलिए हमला कर दिया क्योंकि उनकी मूँछें थीं। मूँछ रखने पर हमले के आरोप में fir दर्ज हो रही है। क्या यह सामूहिक शोक और शर्म का विषय नहीं है?

लिंबोदरा गाँव के सरपंच ने बैठक बुलाकर घटना की निंदा की है। कहा है कि यह शर्म की बात है कि ऐसी घटना उनके गाँव में हुई है। इस गाँव के दो लोगों को मूँछ रखने के कारण मारा गया है। बहुत अच्छा किया है। जाँच कर रहे पुलिस अधिकारी ने एक्सप्रेस से कहा है कि घटना स्थल पर मौजूद लोगों में से कोई गवाही देने को नहीं मिल रहा है। इस जातपात का हम क्या करने वाले हैं , कुछ सोचा भी है ? ऐसे ही इसे लेकर सड़ते रहेंगे?

बाकी राज्यों की तरह गुजरात के समाज में भी भयंकर जातिगत तनाव रहा है। श्मशान तक अलग हैं। इसका सामना कोई नेता नहीं करना चाहता है। इसीलिए आज कल सारे ज़ोर ज़ोर से स्लोगन की शैली में बोलने लगते हैं ताकि लोग बुनियादी सवाल न करें। हम हमेशा ऐसे सवालों को टाल जाते हैं और बतकुच्चन करने लगते हैं। जल्दी ही इसके कुछ सैंपल आपको कमेंट में मिल जाएँगे।

लेकिन कभी तो इस घृणा और हिंसा के ख़िलाफ़ घृणा फैलेगी, या फिर इसे जायज़ ठहराने के लिए यही पूछा जाता रहेगा कि जाति क्यों लिखा? इसिलए लिखा कि इन्हें एक ख़ास जाति हो गया के कारण ही मारा गया । मारने वाला सामाजिक रूप से आज भी ख़ुद को दादा समझता है। क्या हम इस पर भी गर्व करेंगे?
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)

Last edited by rajnish manga; 05-10-2017 at 07:36 PM.
rajnish manga is offline   Reply With Quote