नथुने फुलाते हुए वह गली में घुसा। बिलकुल आगबबुला वह यहां-वहां नज़र दौडाने लगा। दुर एक मोटरसाईकिल के पास एक कुत्ता बैठा हुआ था। "रुक, तु वहीं पर रुक।" बडबडाते हुए वह आगे बढा। उसका एक हाथ पीछे की ओर था। वह धीमे कदम उस कुत्ते की तरफ बढ रहा था। कुत्ता अपनी नाईट शीफ्ट वाली नौकरी खतम कर के शांति से सो रहा था। वह आदमी उसके पास पहुंचा और अपनी पीठ के पीछे छीपा हुआ डंडा निकाला। कुत्ता उसकी आहट से चोंक गया था...लेकिन वह कुछ समजे उसके पहेले उसको एक जोर का डंडा पडा।
वाउ....आउ.....वाउ....आउ.....करते हुए उसने भागने की कोशिश तो की लेकिन उसकी पीठ पर एक और डंडा चीपका दिया गया। कुत्ता बुरी तरह भौंकने लगा और भौंकते हुए वह छोटी सी गली में ईधर से उधर भागने लगा।