"कोई हाथ तो लगाए हमारे कुत्ते को।" गली के लोग में से कोई चिल्लाया।
"कुत्ते को तो क्या तुमको भी ठीक कर देंगे।" कह कर एक ने दुसरे को 'तडाक' से तमाचा मार दिया।
भीड हाथापाई पर उतर आई। ईस छोटे झगडे ने दंगे जैसा रुप ले लिया।
कुत्ता दीवार फांद के उस तरफ गया तो था, लेकिन उस गली के कुत्ते भोंकते हुए उसके के पीछे भागे। दुर दुर तक उस झगडे और कुत्तों की आवाज गूंजती रही।