अभिवादन
प्रायः दो व्यक्ति आपस में भेंट करते समय अथवा एक-दूसरे से विदा होते समय एक-दूसरे का अभिवादन करके शिष्टाचार का परिचय देते हैं। उत्तर भारतीय हिन्दी भाषी प्रायः नमस्ते, नमस्कार, प्रणाम अथवा किसी देवी-देवता का नाम यथा- जय श्रीराम, राधे-राधे, राम-राम इत्यादि कहकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 'पाँव लागूँ' कहकर भी अभिवादन किया जाता है। पाश्चात्य सभ्यता में गुड मार्निंग, गुड नून, गुड ईवनिंग, हैलो, हाय कहकर एक-दूसरे का अभिवादन किया जाता है। इस्लाम में 'अस्सलाम अलैकुम' और 'वालेकुम अस्सलाम' अथवा 'आदाब' कहकर एक-दूसरे का अभिवादन किया जाता है। सिख मतावलम्बी एक-दूसरे का 'वाहे गुरु' अथवा 'सत श्री अकाल' कहकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं। राजस्थान में आगन्तुक का आते और जाते- दोनों ही समय 'पधारो सा' कहकर अभिवादन करने का रिवाज है, किन्तु आगन्तुक के जाते समय 'पधारो सा' कहने के लहजे में थोड़ा अन्तर होता है।
Last edited by Rajat Vynar; 27-10-2015 at 09:20 AM.
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