फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में अपने दमदार अभिनय से अकबर के किरदार को अमर कर देने वाले पृथ्वीराज कपूर को हिन्दी सिनेमा की शुरूआत और उसके सफर को आगे बढ़ाने वालों में अहम मुकाम हासिल है.
पृथ्वीराज कपूर के अभिनय से सजी यादगार फिल्मों में “मुगल-ए-आजम” का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है. इस फिल्म में उनके अभिनय को आज 60 वर्ष बाद भी याद करते हैं. उनकी संवाद अदायगी के लोग इस कदर कायल हुए कि गली कूचों में सालों तक लोग उनके डॉयलाग दोहराते रहे. हिंदी सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर रही इस फिल्म में पृथ्वीराज कपूर ने एक बादशाह और एक पिता के बीच के अंतर्द्वद को बेहतरीन ढंग से जिया. रिकार्ड तोड़ सफलता हासिल करने वाली यह फिल्म आज भी लोगों को बांध लेती है.
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Some scenes from Magnum Opas 'Mughal-e-Azam'