किसी ने कहा फूल से की
मुझे बता तू आज तक क्यूँ खिलता रहा
तुने तो दी सबको खुशबु
तुझे क्या मिलता रहा
फूल ने मुस्कुरा कर कहा
अभी तू नादान है
जीवन के सच्चे प्यार से
अभी तू अनजान है
देने के बदले कुछ लेना
वो तो एक कारोबार है
जो दे कर भी कुछ न मांगे
वो ही सच्चा प्यार है