6 में से 1 व्यक्ति किसी धर्म को नहीं मानता है
प्यू रिसर्च सेंटर के एक वैश्विक अध्ययन से पता चला है कि दुनिया में हर छह में से एक व्यक्ति किसी धर्म को नहीं मानता है. अध्ययन में ऐसे लोगों की संख्या दुनिया की कुल आबादी की लगभग 16 प्रतिशत बताई गई है.
अध्ययन के मुताबिक, दुनिया में ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या सबसे ज्यादा हैं जिन्में कैथोलिक भी शामिल हैं. ईसाई धर्म को मानने वालों की कुल आबादी 2.2 अरब है जो पूरे विश्व की आबादी का लगभग 32 प्रतिशत है. अध्ययन में बताया गया है कि मुसलमानों की आबादी 1.6 अरब है जो पूरी दुनिया की आबादी का 23 प्रतिशत हिस्सा हैं. हिंदू धर्म को मानने वालों की संख्या लगभग एक अरब बताई गई है जो विश्व की कुल आबादी का लगभग 15 प्रतिशत है.
इस अध्ययन में बौद्ध धर्म को मानने वालों की आबादी लगभग 50 करोड़ बताई गई है जो विश्व की कुल जनसंख्या का लगभग सात प्रतिशत है. वहीं यहूदियों की आबादी महज 1.4 करोड़ बताई गई है जो समूचे विश्व की आबादी का महज 0.2 प्रतिशत है. अध्ययन में कहा गया है कि ये तमाम आंकड़े वर्ष 2010 तक विश्व की आबादी पर आधारित हैं.
अध्ययन में कहा गया है कि किसी भी धर्म को नहीं मानने वाले लोगों की कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा एशिया में रहता है और इनमें से भी अधिकतर लोग चीन में निवास करते हैं. हैरानी वाली बात ये है कि इनमें से कई लोग किसी देवी-देवता में जरूर भरोसा रखते हैं लेकिन वो इसे किसी धर्म से जोड़कर नहीं देखते हैं.
जनजातीय या कबाइली धर्म मानने वाले लोग, कुल आबादी का छह प्रतिशत हिस्सा हैं जो अफ्रीका, चीन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में रहते हैं. इसके अलावा बहाई, जैन, सिख, शिंतो, ताओ आदि छोटे मत-सम्प्रदायों को मानने वालों की कुल आबादी महज एक प्रतिशत बताई गई है.
प्यू रिसर्च सेंटर का ये वैश्विक अध्ययन 2,500 अलग-अलग जगहों से जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित हैं जिनमें 232 देशों की जनगणना के आंकड़े भी शामिल हैं. अध्ययन से ये भी पता चलता है कि दुनिया की कुल आबादी का एक चौथाई हिस्सा उन देशों में रहता है जहां वे अल्पसंख्यक हैं. लेकिन 97 प्रतिशत हिंदू और 87 प्रतिशत ईसाई उन देशों में रहते हैं जहां वे बहुसंख्यक हैं.
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