Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
रीना ने जबाब दिया, देखा वह एक कोने मे दुबकी हुई है और घर के लोग लाठी और गड़ासा लाने के लिए गुहार लगा रहे थे। जीवविज्ञान का छात्र होने की वजह से मैंने सांपों के बारे में खूब अध्ययन किया था और कौन सा सांप विषैला है और कौन सा विषहीन मैं बता सकता था और इस वजह से गांव मंे कभी कभी यदि विषहीन सांप दिख जाता तो उसे पकड़ लेता था और दोस्तों को डराता जिसमें हड़होड़ मामू और डोरबा सांप प्रमुख था। आज रीना के घर में उसे प्रभावित करने का एक मौका मिल गया था। सांप चापाकल के बगल में बैठा था और उसके मुंह में मेंढ़क थी। मेंढ़क की आवाज से ही लोग जान सके थे की सांप है। मैं वहां गया और देखने का प्रयास किया कि सांप कहां है पर वहां हल्का अंधेरा था और सांप बहुत बड़ा, लगभग तीन चार-फीट और मोटा भी। मैंने अनुमान लगाया कि धामिन सांप होगा जो कि विषहीन है। बस क्या था मैं रीना और उसके घर वालों को इम्प्रेस करने के लिए जब तक कोई कुछ समझ भी पाता तब तक सांप को गर्दन और पूंछ की तरफ से पकड़ा और लेकर निकल गया।
रीना के घर में कोहराम मच गया। रीना की मां और रीना रोने लगी पर मैं आब देखा न ताब सांप को पकड़कर घर से बाहर चला गया, पर घर से बाहर आने पर मेरा रोंआ रोंआ सिहर गया। बाहर हल्की रौशनी होने की वजह से मैं सांप को पहचान गया। वह गेहूमन सांप था, नाग। एक दम विषैला। मैं कांप गया। डर के मारे शरीर में सच की सिहरन उस गर्मी के मौसम में होने लगा थी पर मैंने साहस नहीं छोड़ा और सांप को पकड़े रहा बल्की उसकी गर्दन पर मेरी पकड़ और कड़ी हो गई। मैं दौड़ता हुआ भागा जा रहा था और थोड़ी दूर पर स्थित एक खेत में सांप को जोर से फेक दिया और दौड़ता हुआ भाग गया।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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