Re: सहिष्णुता और असहिष्णुता की बहस
राष्ट्रपति तथा प्रधान मंत्री की सलाह
संसद से लेकर सड़क और साबरमती आश्रम तक, सब जगह असहिष्णुता पर बहस चल रही है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तीसरी बार सहिष्णुता पर सरकार को नसीहत दी है। इस पर काफी लंबी बहस हो चुकी। क्या ये बहस किसी मुकाम तक पहुंचेगी। क्या मोदी सरकार पर इसका कोई असर होगा।
देश में बढ़ती असहनशीलता पर मचे हंगामे के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि असली गंदगी सड़कों पर नहीं, हमारी सोच में है। गंदी सोच की वजह से समाज बंटता है। अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा इस वक्त दुनिया को सबसे ज्यादा जरूरत गांधी जी की है। उन्होंने कहा कि अहिंसा का जो पाठ गांधी ने पढ़ाया, उसकी ताकत को हमें नहीं भूलना चाहिए।
देश में असहिष्णुता पर चल रही बहस के बीच आज लोकसभा में गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि विपक्ष बेवजह इसे हौव्वा बना रहा है। देश में कहीं भी असहिष्णुता नहीं है। रिजिजू ने कहा कि पिछले 18 महीने में हमने किसी भी नागरिक पर प्रतिबंध नहीं लगाया। रिजिजू ने मदर टेरेसा का उदाहरण देते हुए कहा कि उन पर तत्कालीन सरकार ने प्रतिबंध लगाया था और यह असहिष्णुता है।
इससे पहले लोकसभा में सदस्यों ने कहा कि असहिष्णुता पर वोट बैंक की राजनीति करने का प्रयास करने की बजाय कोशिश यह होनी चाहिए कि सहिष्णुता और सौहार्द का माहौल बना रहे और आगे बढ़े। इस विषय पर सदन में कल शुरू हुई चर्चा को आज आगे बढ़ाते हुए अन्नाद्रमुक के पी. कुमार ने कहा कि असहिष्णुता की घटनाओं से देश की छवि खराब हो रही है और हमारी अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर रही है।
उधर, लोकसभा में मंगलवार दोपहर असहिष्णुता पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि रक्षा राज्य मंत्री वीके सिंह ने दलित बच्चों की तुलना कुत्ते से करके संविधान को चुनौती दी है। इसके बावजूद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ नहीं करते और ऐसा व्यक्ति मंत्री पद पर बना हुआ है। असहिष्णुता पर राहुल गांधी ने जमकर मोदी सरकार को कोसा।
असहनशीलता पर कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में बीजेपी और पीएम मोदी पर जोरदार हमला बोला। राहुल गांधी ने दो टूक कहा कि अगर सरकार से कोई असहमति की आवाज उठाता है तो उसे देशद्रोह बता दिया जाता है। इसके साथ ही राहुल ने कहा दादरी में हुए इखलाक हत्याकांड के बाद भी पीएम खामोश रहे।
राहुल ने कहा कि अखलाक की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी जाती है, क्योंकि वह मुस्लिम है। फिर भी पीएम चुप रहते हैं। कुलबर्गी और दाभोलकर की हत्या पर भी पीएम चुप रहते हैं। मोदी सरकार स्किल इंडिया की बात करती है और उधर एफटीआईआई में युवाओं की आवाज दबा दी जाती है। राहुल गांधी ने अरुण जेटली को भी निशाने पर लिया। राहुल ने कहा कि जेटली कहते हैं कि विरोध प्रायोजित है। तंज करते हुए राहुल ने कहा कि यह मेक इन इंडिया की तरह सपना नहीं है, बल्कि यह हकीकत है। देश में बढ़ती असहिष्णुता पर जनता जाग चुकी है।
वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा है कि असहिष्णुता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि उन्होंने असहनशीलता पर अपना पक्ष रखते हुए बीजेपी और पीएम मोदी को इसका सबसे बड़ा शिकार बताया है। उन्होंने ये भी कहा कि वो कलबुर्गी और दादरी हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने को तैयार हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोकसभा के बाद आज राज्यसभा को संबोधित किया। राज्यसभा में पीएम ने लगभग वही बातें कहीं जो वह लोकसभा में कह चुके हैं। मोदी ने कहा कि संविधान सभा में कांग्रेस से जुड़े कई लोग थे, हमें उनपर गर्व है, हम इसे सकारात्मक रूप में लेते हैं। पीएम ने जोर दिया कि हमें पक्ष और विपक्ष से उठकर कभी तो निष्पक्ष होना चाहिए।
पीएम ने देशवासियों को भी अपने संबोधन में शामिल किया। उन्होंने कहा कि सवा सौ करोड़ देशवासियों की देशभक्ति पर न कोई शक कर सकता है, न किसी को सबूत देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिखरने के लिए तो बहुत बहाने मिल सकते हैं, जुड़ने के अवसर खोजना हमारा दायित्व है। तू-तू मैँ-मैं से देश नहीं चलता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि संविधान देश का मार्गदर्शक है। संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान सवालों के जवाब में राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि हर मुश्किल घड़ी में संविधान ही रास्ता दिखाता है और आने वाली पीढ़ी को संविधान के मूल्यों से रूबरू कराना चाहिए। पीएम ने कहा कि हमें पक्ष और विपक्ष से ऊपर उठकर निष्पक्ष होना चाहिए और उन्होंने बेतुके बयान देने वाले नेताओं को भी सुझाव दिया।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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