जब आप बूढ़े होंगे
जब आप बूढ़े होंगे
विलियम बटलर यीट्स
(हिंदी रूपांतरण: रजनीश मंगा)
जब आप बूढ़े होंगे, बाल सफेद और पलकें नींद से बोझिल होंगी,
और आग के समीप बैठ, इस किताब को उठायेंगे,
धीरे से फिर पढ़ेंगे उसको, सोचते हुये उन कोमल नज़रों वाली
पहली सी उन आँखों और उनकी गहरायी के बारे में;
हर्ष भरे वो तुम्हारे लम्हें कितनों ने अपनाये थे दिल से,
और प्यार करते आपकी उस सुंदरता से- झूठमूठ या सचमुच में ही,
लेकिन कोई था जिसने तुम्हारे शुद्ध अंतःकरण को प्यार किया,
और तुम्हारे चेहरे पर अंकित दुखों को अंगीकार किया;
और चमकीले से डंडों पर ही वह कुछ झुका झुका सा,
बुदबुदाने लगता था वेदना से, अंत प्यार का हुआ तो कैसे
और पहाड़ की ऊँचाईयों पर वह चढ़ने लग जाता
और तारों की भीड़ में अपना चेहरा छिपा लिया करता.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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