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महत्वपूर्ण विधेयकों के वर्तमान प्रारूप पर कुछ दलों की सहमति नहीं है : कमलनाथ
नई दिल्ली। गुरूवार को शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र से पहले सरकार ने आज संकेत दिया कि बलात्कार एवं यौन अपराध निरोधक कानून को मजबूत बनाने, खाद्य सुरक्षा, भूमि अधिग्रहण और लोकपाल विधेयक के जल्द से जल्द लागू होने की उम्मीदें कम हैं क्योंकि कुछ राजनीतिक दल इनके वर्तमान स्वरूप से सहमत नहीं हैं। संसदीस कार्य मंत्री कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि कुछ राजनीतिक दल वर्तमान स्वरूप में इनके विरोध में है और इसमें संशोधन पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सामूहिक बलात्कार घटना के बाद बलात्कार के खिलाफ कानून को मजबूत बनाने के कदम के तहत आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश को कुछ राजनीतिक दल इसे स्थायी समिति या प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अध्यादेश को आमतौर पर स्थायी समिति को नहीं भेजा जाता है लेकिन सरकार सदन की भावना का सम्मान करेगी। कमलनाथ ने कहा कि लोकपाल एवं महिला आरक्षण विधेयक पर राजनीतिक दलों में आम सहमति नहीं है जबकि इनमें से एक स्थायी या दूसरा प्रवर समिति होकर गुजरा है। लेकिन कुछ राजनीतिक दल अभी और जांच परख चाहते हैं। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक, भूमि अधिग्रहण विधेयक, नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण दिये जाने से संबंधित विधेयक पर भी मतभेद हैं। कमलनाथ ने कहा कि राजनीतिक दलों के विचार एक तरह के नहीं होते, एक पार्टी की चिंताएं दूसरे के मार्ग में आती हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार कुछ विधेयकों को स्थायी समिति के समक्ष भेजेगी, उन्होंने कहा कि सरकार सदन की भावना को ध्यान में रखेगी। लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण से 21 फरवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में 55 विधेयक, वित्तीय कामकाज से जुड़े 13 विषय और तीन गैर विधायी विषय चर्चा के लिए लाये जा सकते हैं।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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