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Dark Saint Alaick
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करीब 12 हजार रुपए का कर्जदार है उप्र का हर नागरिक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हर नागरिक पर वित्तीय वर्ष 2013-14 के अंत तक औसतन लगभग 12 हजार रुपए का कर्ज होगा। विधानसभा में आज पेश बजट में दिये गये वार्षिक वित्तीय विवरण के आधार पर यह आंकड़ा सामने आया है। विवरण के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2013-14 तक प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढकर 2.3 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर जाएगा जो कि सकल घरेलू उत्पाद के 29.5 प्रतिशत के बराबर होगा। इस घाटे के मद्देनजर प्रदेश की आबादी को 20 करोड़ मानकर अनुमान लगाये तो प्रदेश का हर व्यक्ति 11 हजार 994 रुपए का कर्जदार है। आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2004-05 में राज्य पर 121126.55 करोड़ रुपए का कर्ज था, जो तत्कालीन सकल घरेलू उत्पादन के 48.7 प्रतिशत के बराबर था और वित्तीय वर्ष 2012-13 के अन्त तक यह राशि बढकर 219304.01 करोड़ हो जाएगी। मगर सकल घरेलू उत्पाद के सापेक्ष यह धनराशि 30.1 प्रतिशत के बराबर होगी। राज्य सरकार को चालू वित्तीय वर्ष में इस पर लदे कर्ज पर 17054.54 करोड़ रुपए का ब्याज चुकाना होगा, जो सालाना बजट के 8.1 प्रतिशत राशि के बराबर होगा। सरकार की तरफ से दिये गये विवरण के अनुसार, हालांकि कर्ज राशि बढी है। मगर सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में इसमें गिरावट आ रही है, जो इस बात का सुबूत है कि राज्य की आय में होने वाली बढोत्तरी की दर कर्ज भार में हो रहे इजाफे से ज्यादा है। विवरण में यह भी बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2004-05 से राज्य के राजकोषीय घाटे में बढोत्तरी हो रही है। साल 2004-05 में यह 12997 करोड़ रुपए था, जिसके वित्तीय वर्ष 2013-14 में बढकर 23913.29 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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