क्या सच में भारत में सुचना क्रांति आ पाएगी ?
हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री ने अमेरिका का दूसरा दौरा किया. पिछली बार की ही तरह इस बार भी उन्हें काफी जोश और उल्लास से स्वागत किया गया. काफी वादे इरादे किये गए, पर मन में अभी भी संदेह है की क्या सच में कुछ होगा .
हालाँकि ये तो सच है की सिर्फ प्रधानमंत्री ही क्या लगभग हर देश वासी ने विकास के लिए काफी जी जान लगे है, पर हमारे देश की आबादी और गरीबी दोनों ही घटने का नम्म ही नहीं लेती . मूल वजह कितनी सरकारों ने खोजने की कोशिश की पर कोई ऐसी चीज़ दिखती नहीं जीमे की हम उन देशो से कम हो जिन्हें सभ्य कहा जा सकता है.
मन में सवाल उठता है की आखिर वास्तविक समस्या है क्या ?
हमने प्रतिस्पर्धा की तो सब्सिडी और मदद देके भी आजमा लिया पर समस्या है की जस की तस, जहा की तहा .
क्या नज़रिए में कोई ऐसा दोष है जिसके चलते हम सही रास्ता देख नहीं पा रहे ?
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