30-03-2013, 10:40 PM
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#16
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Re: इधर-उधर से
शनिवार / 30 नवम्बर 1996 की डायरी का एक अंश:
* आज दूरदर्शन (i) पर हिंदी फीचर फिल्म ‘उमराव जान’ टेलीकास्ट की गई. हम फिल्म का बाद वाला भाग ही देख सके. यह कहा जा सकता है कि फिल्म हर लिहाज़ से अद्वितीय है. इसमें अभिनेत्री रेखा की अदाकारी लाजवाब है – वही भावप्रवण अभिनय, वही कमनीयता और शिष्टता जो पुराने ज़माने की अभिनेत्रियों यथा- मीना कुमारी, नर्गिस और वहीदा रहमान आदि की विशेषता हुआ करती थी.
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* संस्कृत की एक सूक्ति पर नज़र डालते है. क्या आपको यह पढ़ने के बाद कुछ और कहावते नहीं याद आ रहीं?
दूरतः पर्वताः रम्याः
(पर्वत दूर से बड़े रमणीक दिखाई देते हैं)
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* अब कुछ हिंदी शब्दावली पर विचार करते है:
कालातीत = जिसका समय बीत गया हो
हतभाग्य = भाग्यहीन
साक्षादृश्य = अपनी आँखों से देखा हुआ
मोहभंग = भ्रान्ति निवारण
Last edited by rajnish manga; 30-03-2013 at 10:43 PM.
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