Re: दर्द (dard )
मानवीय संबंधों में आपसी विश्वास की कमी के परिणामस्वरुप पैदा होने वाले सूरते हाल का आपने सुंदर व सटीक चित्रण किया है. जहाँ रिश्तों में एक तरफ़ा शर्तों का वर्चस्व हो वहां रिश्तों को निभाना एक रस्म-अदायगी से अधिक कुछ नहीं हो सकता. इन्हीं भावनाओं पर आपकी सुंदर रचना का स्वागत है. धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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