Re: डार्क सेंट की पाठशाला
असमानता खत्म करनी होगी
बिल क्लिंटन की गिनती अमेरिका में सबसे लोकप्रिय अमेरिकी राष्ट्रपतियों में होती है। राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद क्लिंटन अपने फाउंडेशन के जरिये दुनिया के कई देशों में शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं। एक भाषण में क्लिंटन ने दुनिया में व्याप्त सामाजिक और आर्थिक असमानता पर चिंता जताते हुए उम्मीद जताई कि सकारात्मक पहल के जरिये असमानता को खत्म किया जा सकता है। वाकई में दुनिया में बड़े पैमाने पर असमानता है। आधी से ज्यादा आबादी को प्रतिदिन पचास रूपए से कम में गुजारा करना पड़ता है। करीब एक अरब लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिलता,ढाई अरब को शौचालय उपलब्ध नहीं, एक अरब लोग रोजाना भूखे पेट सो जाते हैं, हर चार में एक व्यक्ति की मौत एड्स, टीबी, मलेरिया या गंदे पानी की वजह से होने वाली बीमारियों से हो जाती है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इस तरह मरने वालों में 80 फीसदी पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे होते हैं। गैर बराबरी की त्रासदी सिर्फ गरीब देशों तक सीमित नहीं है। अमीर देशों के भीतर भी असमानता की खाई बढ़ रही है। मसलन अमेरिका में वर्ष 2001 के बाद विकास दर में बढ़ोतरी तो हुई लेकिन मध्यवर्ग का वेतन स्थिर रहा। इस वजह से नौकरी-पेशा परिवारों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई। नतीजा यह हुआ कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की तादाद में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। ऐसे नौकरी-पेशा परिवार जिन्हें स्वास्थ सेवाएं प्राप्त नहीं हैं उनकी संख्या में चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। असमानता के साथ ही अस्थिरता भी एक बड़ी समस्या है। दुनिया अस्थिरता के गंभीर दौर से गुजर रही है। आतंकवाद बड़ी समस्या बनकर उभरा है। आज हमारे सामने वैश्विक बीमारियों का खतरा है जो पहले नहीं था। पर्यावरण असंतुलन भी एक बड़ा संकट है। कुल मिलाकर हमें प्रयास करना होगा कि असमानता, आतंकवाद और असंतुलन समाप्त हो।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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