Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
वैज्ञानिकों ने बनाई ‘कृत्रिम याददाश्त’
वाशिंगटन। वैज्ञानिकों ने चूहों में ‘कृत्रिम याददाश्त’ बनाने में सफलता हासिल कर ली है। विज्ञान पत्रिका ‘साइंस’ में छपे एक शोध में कहा गया है कि वैज्ञानिकों ने चूहों के दिमाग में रोशनी का संचार करने के लिए ‘आप्टिकल फाइवर’ का जाल बिछाया। इसके बाद उन्होंने चूहों को नीले रंग के प्रकाश वाले बक्से में रखा। इस दौरान उनके दिमाग में आप्टिकल फाइवर के जरिए नीली रोशनी की याद को पुख्ता किया गया। इसके बाद उन्हीं चूहों की लाल रंग के प्रकाश वाले बक्से में डाला गया और आप्टिकल फाइवर के जरिए नीले रंग की रोशनी की याद उनके दिमाग में ताजा कराई गई। जब वे नीले रंग की रोशनी की याद में खोए थे उसी समय उनके पैरों में बिजली के झटके दिए गए। इसके बाद जब उन्हें नीले रंग के प्रकाश वाले बक्से में वापस डाला गया तो वे डर गए। हालांकि इस बक्से में उन्हें झटका नहीं दिया गया था, लेकिन फिर भी उनका डर जाना इस बात को दर्शाता है कि वैज्ञानिक कृत्रिम तौर पर उनके दिमाग में नीले प्रकाश और बिजली के झटकों की याद एक साथ बनाने में सफल रहे। इस शोध के मुख्य वैज्ञानिकों में से एक मसाच्युसेड्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी की शु लियू ने बताया कि जितनी बार हमारी यादादाश्त में कुछ जुड़ता है यह बदलती है। इसी प्रकार हम पुरानी यादों में नई चीजें जोड़ते हैं और इस प्रकार कृत्रिम याददाश्त बनाई जा सकती है। इस सफलता को इसलिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि चूहों के मस्तिष्क की संरचना मानव मस्तिष्क के सबसे ज्याद करीब है। नए शोध के बाद वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे आने वाले समय में इंसानी मस्तिष्क से बुरी यादों को हटाने में भी कामयाब होंगे।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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