संता : आज मैं बहुत खुश हूँ ! डारलिंग कहो तुम्हें क्या चाहिये!
जीतो : सुच्चे मोतियों का हार !
संता : अच्छा ! फिलहाल यह धागा पहनो, मोती फिर किसी दिन ला दूंगा !
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संता : सुहागरात वाले दिन ही मेरी पत्नी मुझसे कहने लगी मैं तुम्हारी सूरत नहीं देखना चाहती !
बंता : तो तुमने क्या किया ?
संता : बती बुझा दी ?
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