येरुशलम की हिब्रू यूनिवर्सिटी के राबिनोविच का दावा है, "एक आलू चालीस दिनों तक एलईडी बल्ब को जला सकता है। " राबिनोविच इसके लिए कोई नया सिद्धांत
नहीं दे रहे हैं।� ये सिद्धांत हाईस्कूल की किताबों में पढ़ाया जाता है और बैटरी इसी पर काम करती है। इसके लिए ज़रूरत होती है दो धातुओं की- पहला एनोड, जो
निगेटिव इलेक्ट्रोड है, जैसे कि ज़िंक, और दूसरा कैथोड-जो पॉज़ीटिव इलेक्ट्रोड है, जैसे कॉपर यानी तांबा।