Re: देश मे सुधार
बहस के लिए प्रस्तुत मुद्दे पर विजय जी, पवित्रा जी और कुकी जी जी ने अपने अपने हिसाब से बड़े संतुलित विचार फोरम पर रखे. हालांकि इस प्रकार की समस्याओं के लिए समाज के किसी एक तबके को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. सभी ने मुख्यतया पुरूष वर्ग की मानसिकता को दहेज प्रथा, लड़कियों की अशिक्षा अथवा अन्य समस्याओं जैसे बालिका भ्रूण हत्या या घरेलू हिंसा आदि के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है. हाँ, कुछ हद तक स्त्रियों पर होने वाली ज्यादतियों के लिए महिलायें खुद ज़िम्मेदार होती हैं जैसा कि पवित्रा जी ने बताया या कुकी जी ने इशारा किया. आप सभी भाई बहनों का बहुत बहुत धन्यवाद.
रजत जी ने भी चर्चा में भाग लेते हुए पवित्रा जी द्वारा व्यक्त किये गए विचारों से मतैक्य प्रगट किया. साथ ही उन्होंने एक भजन की पंक्तियाँ भी शेयर की हैं. उनका भी धन्यवाद.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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