Re: देश मे सुधार
आपका पोस्ट सराहनीय है, जो आपने लिखा है उस पर सदियों से लोग विचार करते आ रहे है परन्तु ये कुप्रथा इतनी तेजी से जड़ पकड़ चुकी है की अब शायद ही इसका निराकरण मनुष्य के हाथ में हो, शायद अ समय या भगवन ही इसका उपाय कर सकते है, मई आपकी बात का पुर जोर समर्थन करता हु और महिलाओ के प्रति बढ़ते अपराध और अत्याचार का प्रबल विरोधी हु. हमारे समाज ने महिलाओ को कमजोर और पुरुषो को मजबूत बनाने की गलती कर दी है वास्तविकता में दोनों बार बार है. न जाने हमारा समाज ये कब महसूस करेगा. हर किसी को बराबर सम्मान दिए बिना सुख शांति संभव ही नहीं .
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