View Single Post
Old 12-08-2012, 02:05 PM   #27
stolen heart
Member
 
Join Date: Jun 2012
Posts: 174
Rep Power: 12
stolen heart will become famous soon enough
Default Re: इस्लाम के पैग़म्बर :हज़रत मुहम्मद (सल्ल. )-प

सत्*यवादी से भी अधिक
एक कहावत है- ईमानदार व्यक्ति ख़ुदा का है। मुहम्मद तो ईमानदार से भी बढ़कर थे। उनके अंग-अंग में महानता रची-बसी थी। मानव-सहानुभूति और प्रेम उनकी आत्मा का संगीत था। मानव-सेवा, उसका उत्थान, उसकी आत्मा को विकसित करना, उसे शिक्षित करना सारांश यह कि मानव को मानव बनाना उनका मिशन था। उनका जीना, उनका मरना सब कुछ इसी एक लक्ष्य को अर्पित था। उनके आचार-विचार, वचन और कर्म का एक मात्र दिशा निर्देशक सिद्धान्त एवं प्रेरणा स्रोत मानवता की भलाई था।आप अत्यन्त विनीत, हर आडम्बर से मुक्त तथा एक आदर्श निस्स्वार्थी थे। आपने अपने लिए कौन-कौन सी उपाधियाँ चुनीं? केवल दो-अल्लाह का बन्दा और उसका पैग़म्बर, और बन्दा पहले फिर मैग़म्बर। आप (सल्ल.) वैसे ही पैग़म्बर और संदेशवाहक थे, जैसे संसार के हर भाग में दूसरे बहुत-से पैग़म्बर गुज़र चके हैं। जिनमें से कुछ को हम जानते है और बहुतों को नहीं। अगर इन सच्चाइयों में से किसी एक से भी ईमान उठ जाए तो आदमी मुसलमान नहीं रहता। यह तमाम मुसलमानों का बुनियादी अक़ीदा है।एक यूरोपीय विचारक का कथन है-‘‘ उस समय की परिस्थितियां तथा उनके अनुयायियों की उनके प्रति असीम श्रद्धा को देखते हुए पैग़म्बर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उन्होंने कभी भी मोजज़े (चमत्कार) दिखा सकने का दावा नहीं किया।’’पैग़म्बरे-इस्लाम से कई चमत्कार ज़ाहिर हुए, लेकिन उन चमत्कारें का प्रयोजन धर्म प्रचार न था। उनका श्रेय आपने स्वयं न लेकर पूर्णतः अल्लाह को और उसके उन अलौकिक तरीक़ों को दिया जो मानव के लिए रहस्यमय हैं। आप स्पष्ट शब्दों में कहते थे कि वे भी दूसरे इंसानों की तरह ही एक इंसान हैं। आप ज़मीन व आसमानों के ख़ज़ानों के मालिक नहीं। आपने कभी यह दावा भी नहीं किया कि भ्विष्य के गर्भ में क्या कुछ रहस्य छुपे हुए हैं। यह सब कुछ उस काल में हुआ जब कि आश्चर्यजनक चमत्कार दिखाना साधू सन्तों के लिए मामूली बात समझी जाती थी और जबकि अरब हो या अन्य देश पूरा वातावरण ग़ैबी और अलौकिक सिद्धियों के चक्कर में ग्रस्त था।आपने अपने अनुयायियों का ध्यान प्रकृति और उनके नियमों के अध्ययन की ओर फेर दिया। ताकि उनको समझें और अल्लाह की महानता का गुणगान करें।कु़रआन कहता है-‘‘ और हमने आकाशों व धरती को और जो कुछ उनके बीच है, कुछ खेल के तौर पर नहीं बनाया। हमने इन्हें बस हक़ के साथ (सोद्देश्य) पैदा किया, परन्तु इनमें अधिकतर लोग (इस बात को ) जानते नहीं।’’(क़ुरआन 44:38.39)
stolen heart is offline   Reply With Quote