Re: ।।हंसीले कटीले व्यंग्य।।
आए पटाखा बन गए
हम आपकी खातिर
जितने उदास चेहरे थे
रंगोँ से भर गए ।
मुस्कान बांटने का
परिणाम क्या मिला
जितने उदास चेहरे थे
रंगोँ से खिल गए ।
हस्ताक्षर बनाए तो
हंसने लगे अक्षर
कमबख्त ये मजाक भी
हम पर ही कर गए ।
अच्छे भले थे आदमी
कार्टून बने हैँ
लगते उधर ही कहकहे
जब जब जिधर गए ।
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Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..."
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