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Originally Posted by deep_
सवाल प्रोटीन का नहीं है बल्के भुख का, खाद्य समस्या का है। एक तरफ गाय एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं से जुड़ी हुई है...तो एक तरफ शायद ज़रुरत से जुड़ी हुई है। खाद्य समस्या की पुर्ति के लिए किसानो की मांगे, आवश्यकताएं पुरी कर के उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। साथ साथ डेम तालाब बनाना और बारिश के पानी को ज़मीन में उतारने के प्रयोग भी किए जाने चाहिए।
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इस सन्दर्भ में मै बस इतना कहना चाहूंगी की गौ माता हमारी धार्मिक भावनाओं से जुडी हैं और इसकी हत्या को हिन्दू धर्म के अनुसार पाप माना जाता है तो प्रोटीन प्राप्ति के लिए यदि गौ हत्या हो रही है तो हम हर हिन्दू को प्रोटीन प्राप्ति के अन्य मार्ग की तरफ ध्यान देना और प्रोटीनयुक्त वस्तुओं का उत्पादन बढ़ने की और ध्यान देना चाह्हिये ताकि हम पाप से भी बचें और प्रजा के लिए प्रोटीन युक्त भोजन की व्यवस्था हो और हमारा समाज स्वस्थ रहे बिना गौ हत्या के . क्यूंकि हरेक चीजों के विकल्प है ही इस दुनिया में यदि प्रोटीनयुक्त चीजों के उत्पादन में बढ़ोतरी होती है तो गौ हत्या से बचा जा सकता है और जब गौ रहेंगी तब तो दुनिया को दूध, दही मख्खन चीज़ पनीर जैसी चीज़े मिलेंगी न ?
ओए मेरा मानना है की गौ हत्या के बाद यदि आपको प्रोटीन मिलता है और आप जीना चाहते हो तो मै एइसे जीने की बजाय भूखे रहना या मरना ही पड़े तो वो भी सही मानती हूँ अपितु की गौ को खाकर हम जियें .
गौ को जिसतरह मारकर बीफ बनता है उसे यदि आप देखेंगे तो आप भी बीफ़ खाना बंद कर देंगे क्यूंकि बहुत भयंकर रीत है बीफ बनाने की गाय को अतिशय कष्ट देकर उसे मारा जाता है सो कृपया मेरी तो सभी से ये ही विनती है की दुनिया में पेट भरने के लिए हजारो चीज़े हैं वो खाकर पेट भरिये आपके पेट के लिए किसी भी जीव की हत्या न कीजिये ..
कभी गाय की आँखों में झांककर देखिएगा कितनी ममता कितनी करुना होती है गाय की आँखों में. माँ है वो हमारी हम हिन्दू होकर गौ हत्या का पाप कैसे कर सकते हैं???