Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (29 मार्च/March 29)
बहादुर शाह ज़फ़र / Bahadur Shah Zafar
मंगल पांडे / Mangal Pande
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29 मार्च 1858: सैनिक कोर्ट मार्शल द्वारा बहादुर शाह द्वितीय (बहादुर शाह ज़फ़र) के विरुद्ध चलाये गए मुकद्दमे में फैसला सुनाया गया और उन्हें देश निकाले का हुक्म दिया गया. आपको याद होगा कि उन्हें रंगून भेज दिया गया था. उस समय उनकी आयु 80 वर्ष से अधिक थी. रंगून में ही उनका इंतकाल हुआ और वहीं पर उन्हें सुपुर्दे ख़ाक किया गया. इस मौके पर ज़फर का यह शे'र याद आता है:
कितना है बदनसीब ज़फ़र दफ़्न के लिए
दो ग़ज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 30-03-2017 at 01:01 PM.
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