Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (31 मार्च/March 31)
मीना कुमारी / Meena Kumari
मीना कुमारी एक शायरा भी थीं और 'नाज़' उपनाम से कवितायें लिखती थीं. गुलज़ार द्वारा सम्पादित उनकी शायरी की पुस्तक काफ़ी प्रसिद्ध हुयी. उनकी एक ग़ज़ल पेश है:
चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा,
दिल मिला है कहाँ-कहाँ तन्हा
बुझ गई आस, छुप गया तारा,
थरथराता रहा धुआँ तन्हा
ज़िन्दगी क्या इसी को कहते हैं,
जिस्म तन्हा है और जाँ तन्हा
हमसफ़र कोई गर मिले भी कभी,
दोनों चलते रहें कहाँ तन्हा
जलती-बुझती-सी रोशनी के परे,
सिमटा-सिमटा-सा एक मकाँ तन्हा
राह देखा करेगा सदियों तक
छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 04-04-2017 at 02:52 PM.
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