Re: पैसा.......
दीप जी ,आपने अपने इस सूत्र में पैसे के बारे में बहुत सही बात कही है ,आज बात-बात पर पैसा खर्च होता है ,पैसे के बिना कुछ भी नहीं होता। मुझे किसी का एक डायलॉग याद आरहा है -
"पैसा खुदा तो नहीं ,पर खुदा कसम खुदा से कम भी नहीं।"
लेकिन दिक्कत तभी होती है जब हम पैसे को खुदा समझ लेते हैं।(शायद उन्हें भी हुई होगी जिन्होंने ये डायलॉग दिया था ).
वैसे जब हम किसी के लिए दिल से कुछ करते हैं तो भी पैसा नहीं लगता,मुझे याद है जब हम छोटे थे और सो रहे होते थे और लाइट चली जाती थी ,तो हमारी मम्मी या दादी हमारे लिए पंखा कर रही होती थीं ताकि हमारी नींद ख़राब न हो।
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