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Originally Posted by arvind
ये कौन सा काल का वर्णन कर रहे हो भाई? आज की स्त्रियो से लगता है अभी तक मिले नहीं हो क्या? अगर मिल गए होते तो ऐसी बात नहीं कहते।
आज स्त्रियाँ sp-dsp, jailer बनकर जब आप डंडे बरसाती हुई मिलेंगी तब जरा बताना की ये अबला है या सबला। अभी तुरंत एक महिला ने kbc मे अपने अद्भत ज्ञान के बल पर एक करोड़ जीत कर ले गई। तनिक कॉम्पटिशन परीक्षाओ के रिज़ल्ट पर नजर दौड़ा लिया करो मेरे भाई।
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बात रिजल्ट की नहीँ बात उनकी नैमेत्तिक स्थिति की है ।आप गिरिडीह की एक औरत की बात कर रहे हैँ । उस सार्वजनिक मँच पर उस औरत ने अनेक बार स्वीकारा कि उसे अपने पति से तमाम अधिकार प्राप्त नहीँ हैँ , उसे कई कार्योँ की अनुमति भी नहीँ है । आप किसी एक का दृष्टान्त प्रस्तुत कर रहे हैँ जबकि मैँने हजारोँ मासूम औरतोँ की बात करने की चेष्टा की थी जो इस पुरुषप्रधान समाज मेँ दहेज के नाम पर जलायी जा रहीँ हैँ और हवस पूरी किये जाने के लिए रौँदी जा रही हैँ । मैँने उन दुधमुँही बच्चियोँ की बात की थी जिनके बलात्कार के किस्से पढ़कर आप अपना अखबार रद्दी मेँ बेच देते हैँ । मैँने बात की थी मुम्बई के अस्पताल की उस नर्स की जिसे वार्डब्वाय ने जँजीरोँ मेँ जकड़कर अपने साथियोँ के साथ हवस का शिकार बनाया और वो बेचारी अबला अपने जीवन के पच्चीस वर्ष उसी अस्पताल मेँ कोमा मेँ बिताने पर विवश हुई ।आप sp की बात करते हैँ बरेली शहर की sp सिटी को उनके पुरुष सिपाहियोँ ने उन्हे ऐसे मारा था कि आपकी वह सबला अपने इस तमगे के साथ कई दिन हास्पिटल के बेड पर पड़ी रहीँ ।मान्यवर तनिक अखबार उठा कर एक नजर तो मार लिया करिये ।