Re: कुतुबनुमा
चीन की घुसपैठ गंभीर मामला
चीन रह-रह कर जिस तरह से उकसावे की कार्यवाही कर रहा है वह भारत के लिए चिंताजनक बात है लेकिन सरकार भी काफी सोच विचार कर कदम उठा रही है ताकि तनाव के कोई हालात पैदा ना हों। यही वजह है कि चीनी सेना के हाल में भारत में घुसपैठ से उपजे हालात में सुधार के उद्देश्य से दोनों देशों के सैन्य कमांडर फ्लैग मीटिंग कर रहे हैं। चीनी सेना ने 15 अप्रेल को भारतीय सीमा में प्रवेश के बाद लद्दाख में एक टैंट पोस्ट तैनात कर दी थी। चीनी सेना के भारत में दस किमी अंदर लद्दाख तक घुस आने की रिपोर्ट के बाद भारतीय सेना ने भी और सैनिकों को इस क्षेत्र में भेजा है। सेना की इन्फ्रेंट्री रेजीमेंट को लद्दाख के दौलत बेग ओलदी (डीबीओ) सेक्टर भेजा गया है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने भी चीनी सेना द्वारा बनाई गई टेंट पोस्ट के पास ही एक टेंट पोस्ट भी बना ली है। भारत ने पिछले सप्ताह चीन के समक्ष यह मुद्दा उठाया भी था। चीनी राजदूत को साउथ ब्लॉक में तलब किया गया था। वहीं विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव ने अपने बीजिंग में अपने समकक्ष से बात की थी। चीनी पक्ष का कहना था कि वे इस मामले को देखेंगे व जवाब देंगे। हालांकि बाद में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनियांग ने कहा था कि चीनी सेना दोनों देशों के बीच हुए समझौतों का पालन कर रही है तथा दोनों देशों के बीच तय सीमा शर्तों को मान रही है। याने इन हरकतों को देखते हुए यह तो कहा जा सकता है कि सीमा पर सब कुछ शांत नहीं है लेकिन दोनों देशों को प्रयास करना चाहिए कि तनाव किसी भी सूरत में पैदा नहीं हो क्योंकि एशिया के दो बड़े देशों के बीच तनाव का असर अर्थव्यवस्था समेत सभी क्षेत्रों पर पड़ता है। हालांकि सरकार नहीं चाहती कि यह मामला ज्यादा उछले लेकिन कहा जा रहा है कि सरकार चिंतित है क्योंकि मामला गंभीर व स्थिति तनावपूर्ण है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि चीनी सेना भारतीय सीमा के अंदर घुसी है। चीनी सेना इससे पहले भी सीमा पार कर चुकी है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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