Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
सेहत के लिए रोज खाएं गुड
जयपुर। आपको यदि सेहत बनाये रखनी है और मीठा खाने का शौक है तो कैडी, च्युइंगम और चीनी के बजाये रोजाना 20 ग्राम गुड खाये। चरक संहिता और आयुर्वेदाचार्य बागभट्ट ने भी लोगो को खाना खाने के बाद रोजाना थोडा सा गुड खाने की सलाह दी है। अंग्रेजो के शासनकाल मे गन्ना उत्पादक काश्तकार खाण्डसारी के बजाय गुड बनाना पसंद करते थे जबकि अंग्रेजो को चीनी की जरुरत होती थी। जब गुड निर्माताओ ने चीनी मिलो को गन्ने की आपूर्ति बंद कर दी तो अंग्रेजो ने गुड बनाने पर ही प्रतिबंध लगाने के साथ ही इसे गैर कानूनी भी घोषित कर दिया। प्राचीन आयुर्विज्ञान में गुड को स्वास्य के लिए अमृत जबकि चीनी को सफेद जहर माना गया है। गुड खाने के बाद हमारे शरीर में पाचनक्रिया के लिए जरुरी क्षार पैदा होता है जबकि चीनी अम्ल पैदा करती है जो शरीर के लिए हानिकारक है। आयुर्वेद मेें किये गये शोध से पता चला है कि गुड के मुकाबले चीनी को पचाने मे पांच गुणा ज्यादा ऊर्जा खर्च होती है। यदि गुड को पचाने मे ।00 केलोरी उंर्जा लगती है तो चीनी को पचाने मे 500 केलोरी खर्च होती है। इसी तरह गुड मे कैल्शियम के साथ फास्फोरस भी होता है जो हड्डियो को मजबूत करने मे सहायक माना जाता है। वहीं चीनी हड्डियो के लिए नुकसानदायक होती है क्योकि चीनी इतने अधिक तापमान पर बनाई जाती है कि गन्ने के रस मे मौजूद फास्फोरस भस्म जाता है। फास्फोरस कफ को संतुलित करने मे भी सहायक माना जाता है। आयुर्वेद का मानना है कि गुड में मौजूद क्षार शरीर मौजूद अम्ल .एसिड. को खत्म करता है इसके विपरीत चीनी के सेवन से अम्ल बढ जाता है जिससे वात रोग पैदा होते है। वैद्य सलाह देते है कि निरोग और दीर्घायु के लिए भोजन के बाद नियमित रुप से 20 ग्राम गुड का सेवन किया जाना चाहिए। गुड के तमाम फायदो के बावजूद आयुर्वेद मे कुछ पदाथा6 के साथ इसके सेवन को निषेध माना है जिनमे दूध मे मिला कर पीने की मनाही की गयी है। हालांकि पहले गुड खाये और फिर दूध पिये .आपकी सेहत ठीक रहेगी और कई रोगो से बचाव होगा।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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