06-07-2015, 07:45 PM
|
#98
|
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116
|
Re: रक्तदान महादान...........
" ऋता जी द्वारा लिखी गयी एक कविता रक्तदान पर " :
महादान
रखना था वचन का मान
दिव्य उपहार कवच कुण्डल का
कर्ण ने दे दिया दान|
लोक हित का रखा ध्यान
दधिची ने दिया अस्थि दान
शस्त्र का हुआ निर्माण
हरे गए असुरों के प्राण|
अनोखे दान को मिला स्थान|
दान कार्य जग में बना महान||
विद्यादान वही करते
जो होते स्वयं विद्वान,
धनदान वही करते
जो होते हैं धनवान,
कन्यादान वही करते
जिनकी होती कन्या सन्तान,
रक्तदान सभी कर सकते
क्योंकि सब होते रक्तवान|
रक्त नहीं होता
शिक्षित या अशिक्षत
अपराधी या शरीफ़
अमीर या गरीब
हिन्दू या ईसाई|
यह सिर्फ़ जीवन धारा है,
दान से बनता किसी का सहारा है|
रक्त कणों का जीवन विस्तार
है सिर्फ़ तीन महीनों का|
क्यों न उसको दान करें हम
पाएं आशीष जरुरतमन्दों का|
करोड़ों बूँद रक्त से
निकल जाए गर चन्द बूँद,
हमारा कुछ नहीं घटेगा
किसी का जीवन वर्ष बढ़ेगा|
मृत्यु बाद आँखें हमारी
खा़क में मिल जाएंगी,
दृष्टिहीनों को दान दिया
उनकी दुनिया रंगीन हो जाएगी|
रक्तदान सा महादान कर
जीते जी पुण्य कमाओ
नेत्र सा अमूल्य अंग दान कर
मरणोपरांत दृष्टि दे जाओ|
रक्तदान के समान नहीं
है कोई दूजा दान,
नेत्रदान के समान
है नहीं दूजा कार्य प्रधान|
ऋता शेखर ‘मधु’
सौजन्य से :
सौजन्य से :
__________________
Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.
|
|
|