आशिक़ी
आशिक़ी
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सब लुटाकर क्यों दुखी तू यार है
मुफ़्त में मिलता नहीं ये प्यार है
जो तुझे कंगाल भी ना कर सके
आशिक़ी ऐ दोस्त वह बेकार है
मुक्तक- आकाश महेशपुरी
दिनांक- 14/01/2023
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वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी'
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
पिन- 274309
मो- 9919080399
Last edited by आकाश महेशपुरी; 15-01-2023 at 12:27 PM.
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