Re: लौह-ओ-कलम (स्याही और कलम)
बशीर बद्र साहब के जीवन की तरह शायरी में भी सादगी है. लेकिन सरल शब्दों में भी वह जीवन की गहरी से गहरी सच्चाई बयान कर जाते हैं. इस विषय में सहयोग के लिये आपका धन्यवाद, बिंदु जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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