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Old 28-04-2012, 01:09 AM   #34
Dark Saint Alaick
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Default Re: कुतुबनुमा

अंतरिक्ष कार्यक्रम को मिली बड़ी कामयाबी

वैज्ञानिकों ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए पीएसएलवी- सी 19 के माध्यम से रीसेट- एक का गुरूवार को प्रक्षेपण कर उसे अंतरिक्ष में स्थापित कर देश का मस्तक गौरव से ऊंचा कर दिया। करीब एक सप्ताह पहले ही अग्नि - 5 का सफल परीक्षण कर देश के वैज्ञानिक अपनी क्षमता का लोहा पहले ही मनवा चुके हैं। इस उपग्रह के प्रक्षेपण के साथ ही भारत अमेरिका, कनाडा, जापान व यूरोपीय संगठन के उस समूह में शामिल हो गया है जिनके पास मौसम की सटीक जानकारी हासिल करने की अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध है। 1858 किलोग्राम वजनी माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग उपग्रह रीसेट- एक के प्रक्षेपण के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जटिल आप्टिकल इमेजिंग तकनीक के क्षेत्र में भी महारत हासिल कर ली है। रीसेट- एक की खास बात यह है कि इस पर सिंथेटिक अपरचर राडार लगा है जो किसी भी मौसम,दिन और रात तथा बादलों के छाए रहने की स्थिति में भी सटीक जानकारी देने में सक्षम है। पूरी तरह स्वदेश में निर्मित इस उपग्रह को 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के बाद प्राथमिकता के आधार पर तैयार किया गया है। इससे देश की दूर संवेदी क्षमता में इजाफा तो होगा ही साथ ही कृषि तथा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी मदद मिलेगी। भारत कृषि प्रधान देश है। यहां अधिकतर फसलें आज भी मानसून पर निर्भर रहती हैं। देश को अब तक भारत कनाडाई उपग्रह की तस्वीरों पर निर्भर रहना था क्योंकि मौजूदा घरेलू दूर संवेदी उपग्रह बादलों की स्थिति में धरती की तस्वीरें नहीं ले सकते थे । ऐसे में मौसम की सटीक जानकारी सही समय पर नहीं मिल पाती थी और किसान अच्छी फसल के बावजूद कई बार अपनी फसल को यकायक खराब होने वाले मौसम से बचा नहीं सकते थे। अब हमारे देश के वैज्ञानिकों ने जो कर दिखाया है वह निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। यह उपग्रह जब मिट्टी की नमी, ग्लेशियरों की स्थिति और अन्य विवरणों जैसी महत्वपूर्ण जानकारी देने लगेगा तो तय है इससे देश को बड़ा फायदा होगा और इस फायदे को कामयाबी की सीढ़ी बनाकर भारत के लिए आर्थिक क्षेत्र में काफी आगे बढ़ने के अवसर और बढ़ेंगे। इसके लिए हमारे देश के वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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