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Originally Posted by malethia
ढाई अक्षर प्रेम के
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करत करत अभ्यास ते जरमति होत सूजान,
रसरी आवत जात ते शील पर पडत निशान,
अर्थ:-- बार बार अभ्यास करने पर जर(मंद) बुध्धि वाला मनुष्य में भी बुध्धि का संचार हो जाता है.
ठीक उसी तरह जिस तरह पत्थर पर रस्सी के बार बार घिसने पर पत्थर पर रस्सी के निशान पड़ जाते हैं.