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Originally Posted by arvind
आज हर कोई सोचता है कि कुछ होना चाहिए..... कोई आवाज उठाने वाला सुभाष या भगत सिंह की जरूरत है.... लेकिन मै तो खुद कुछ करूंगा नहीं, मेरा बेटा भी इंजीनियर बनेगा फिर विदेश मे कमाने जाएगा, इसीलिए उसे मै कुछ नहीं कह सकता हूँ। चलो मेरे घर ना सही, मेरे पड़ोसी के घर मे ही एक मसीहा पैदा हो जाय तो कितना अच्छा होगा।
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सवा लाख की लाइन है बंधू |||
पर उपदेश कुशल बहुतेरे !!!