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Old 09-11-2011, 04:19 PM   #106
Sikandar_Khan
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Default Re: इस्लाम से आपका परिचय

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Originally Posted by dark saint alaick View Post
मियां सिकंदर ! आपका यह एक श्रेष्ठ सूत्र (हालांकि बाद में यह हैक हो गया लगता है) अब तक मेरी नज़रों से छुपा रहा, इसके लिए मैं खुद से सख्त नाराज़ हूं ! शायद मेरी किस्मत को अल्लाह तआला की मंजूरी का इंतज़ार था ! एक बहुत बड़ी कमी जो मुझे इस सूत्र में अखरी वह यह है कि आपने इस सूत्र में कठमुल्लापन बरकरार रखा है, यानी इस्लाम का वैज्ञानिक और आधुनिक चेहरा दिखाने में आप नाकाम रहे ! जब मैंने पाक कुरआन का अध्ययन किया, तो सबसे बड़ा सवाल मेरे सामने यह था कि इतना वैज्ञानिक धर्मग्रन्थ मौजूद होने के बावजूद यह कौम इतनी पिछड़ी हुई और अवैज्ञानिक क्यों मानी जाती है ? सिर्फ एक उदाहरण दूंगा ! शूरा आदि के झंझट में पड़े बिना सीधे लिखता हूं (हांलाकि आप चाहेंगे तो, विवरण देने को मैं तैयार हूं) पाक कुरआन में हज़रत मोहम्मद (सल्लिल्लाहो अलैह वालेह वसल्लम) ने फरमाया है, 'जब भी खाना खाओ, अपने हाथ जरूर धोओ, लेकिन किसी कपड़े (तौलिया आदि) से पोंछो नहीं !' यह अजीब है कि धार्मिक ग्रन्थ अक्सर अपने कथन का विस्तार नहीं करते, अतः यहां भी इसका कोई खुलासा नहीं है ! मैंने वैज्ञानिक दृष्टि से सोचा और पाया कि स्वास्थ्य की दृष्टि से यह कितनी अमूल्य सलाह है अर्थात आप हाथ धोएंगे, तो आपकी त्वचा पर चिपके कीटाणु-जीवाणु साफ़ होंगे, लेकिन यदि आप पुनः किसी कपड़े से पौंछेंगे, तो उसमें विराजे कीटाणु फिर आपके हाथों में आ लिपटेंगे अर्थात आपका हाथ स्वच्छ करने का मकसद नष्ट हो जाएगा ! इतनी वैज्ञानिक सलाह देने वाला धर्म क्या हमें भूतकाल में ले जाने वाला हो सकता है ? क्या आप मुझे बताएंगे ?
क्या आप मुझे कोई उदहारण दे सकते हैँ कि ये धर्म हमेँ भूत काल मे ले जा रहा है ?
वैसे आपने हाथ के बाद न पोँछने का जो कारण आपने लिखा है वो बिल्कुल सही है और इस बात का खुलासा हदीश मे विश्तारपूर्वक है |
आपको कुरआन समझने के लिए हदीश का विश्तार से अध्यन करना पड़ेगा क्योँकि कुरआन मे जो बातेँ बताई गई है उनका खुलासा हदीश मे दिया गया है |
इस्लाम के बारे मे कोई जानकारी के लिए आप इन नम्बर पर सम्पर्क कर सकते हैँ |
मौलाना कलीम साहब
09313303149
i.a.s जनाब इफ्तेखार साहब
09453042924
जनाब राशिद साहब
09369408054
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Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..."

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